अल नीनो की वजह पड़ सकता है सूखा?
Skymet ने अनुमान जताया है कि अल नीनो के चलते सूखा पड़ने की भी आशंका है. हालांकि, उसका मानना है कि सूखा पड़ने की सिर्फ 20% संभावना है. गर्मी में अल नीनो के प्रभाव से बारिश कम होती है. लेकिन यह तय नहीं है, क्योंकि 1997 में ताकतवर अल नीनो के बावजूद सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी, जबकि 2004 में कमजोर अल नीनो के बावजूद गंभीर सूखा पड़ा था.
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मॉनसून में कम होगी बारिश
Skymet का अनुमान पूरे देश के लिए अच्छी खबर नहीं है. खासकर खेती के लिहाज से तो बिल्कुल नहीं. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार मॉनसून में बारिश कम होगी. मॉनसून सीजन जून से सितंबर तक होता है. पिछली साल अच्छी बारिश हुई थी. इसके बावजूद देश का 17% इलाका सूखे की चपेट में रहा. पिछली साल जिन इलाकों कम बारिश हुई थी, इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाके और उत्तर पूर्व के कुछ राज्य थे. ये साल अल-नीनो (El-Nino) का हो सकता है. इसका मतलब ये है कि मॉनसून में सामान्य से कम बारिश हो सकती है.